🌸 जय माता दी, जय गुरुदेव – आज का दैनिक पंचांग (8 अगस्त 2025, शुक्रवार)
श्रावण मास की पूर्णिमा का यह विशेष दिन भक्ति, श्रद्धा और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण है। आज के दिन शिव आराधना और व्रत-त्योहारों का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं 8 अगस्त 2025 का दैनिक पंचांग, शुभ मुहूर्त, योग, ग्रह स्थिति और दिन भर की अन्य विशेष ज्योतिषीय जानकारियाँ।
📅 पंचांग विवरण:
- तिथि: शुक्ल पक्ष चतुर्दशी (दोपहर 2:13 तक), इसके उपरांत पूर्णिमा
- दिन: शुक्रवार
- मास: श्रावण मास
- ऋतु: वर्षा ऋतु
- संवत्सर: श्री सिद्धार्थी (रौद्र संवत 2082), शालिवाहन शक 1947, कलियुग संवत 5127
- सूर्यायण: दक्षिणायन
- गोल: उत्तर गोल
🌠 नक्षत्र, योग व करण:
- नक्षत्र: उत्तरा षाढ़ा (दोपहर 2:28 तक), तत्पश्चात श्रवण नक्षत्र
- नक्षत्र स्वामी: सूर्य देव (उत्तराषाढ़ा), श्रवण के देवता विश्वदेव
- योग: आयुष्मान (रात्रि 4:09 तक), इसके बाद सौभाग्य योग
- करण: वणिज (दोपहर 2:13 तक), इसके बाद विष्टि (भद्रा)
🕉️ शुभ मुहूर्त:
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:54 तक
➤ यह मुहूर्त भगवान विष्णु को प्रिय माना जाता है। इस अवधि में किए गए कार्य फलदायक और सिद्ध होते हैं। - गुलिक काल: प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक (शुभ कार्य हेतु उत्तम)
- चौघड़िया:
- लाभ: प्रातः 7:41 – 9:11
- अमृत: 9:11 – 10:41
- शुभ: दोपहर 12:11 – 1:41
🚫 अशुभ समय:
- राहुकाल (दिन): प्रातः 10:30 – दोपहर 12:00 (शुभ कार्य वर्जित)
- राहुकाल (रात्रि): रात्रि 8:40 – 10:16
- यमगंडम: दोपहर 3:00 – 4:30
- दुष्ट मुहूर्त:
- प्रातः 8:26 – 9:19
- दोपहर 12:53 – 1:46
- दिशाशूल: पश्चिम दिशा (आवश्यक यात्रा हो तो मीठा दही खाकर निकलें)
- भद्रा काल: दोपहर 2:13 से रात्रि 1:53 तक (शुभ कार्य वर्जित)
🌕 चंद्र और ग्रह स्थिति:
- चंद्रमा: मकर राशि में
- चंद्रोदय: शाम 6:42
- चंद्रास्त: अगली सुबह 5:26
- आज की जन्म राशि: मकर
- नवजात शिशु का नक्षत्र: उत्तरा षाढ़ा (2:28 PM तक), इसके बाद श्रवण
- गंडमूल: आज कोई भी गंडमूल नहीं है
- नाम अक्षर: भोज, जी, खी, खू, खे आदि
🪐 ग्रह गोचर (उदयकालीन स्थिति):
ग्रह | राशि | अंश एवं कला |
---|---|---|
सूर्य | कर्क | 21° 32′ 07” |
चंद्रमा | मकर | 18° 43′ 36” |
मंगल | कन्या | 07° 03′ 52” |
बुध | कर्क | 10° 19′ 17” |
बृहस्पति | मिथुन | 19° 11′ 18” |
शुक्र | मिथुन | 16° 05′ 38” |
शनि | मीन | 07° 07′ 31” |
राहु | कुंभ | 25° 37′ 52” |
केतु | सिंह | 25° 37′ 52” |
🙏 आज का धार्मिक महत्व:
- श्रावण पूर्णिमा का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। यह दिन रक्षाबंधन, कोकिला व्रत, जैन धर्म में मरुधर केसरी मिश्रीमल जन्म दिवस आदि के लिए प्रसिद्ध है।
- शुक्रवार का दिन शुक्राचार्य को समर्पित होता है, अतः लक्ष्मी पूजा और शिव आराधना दोनों शुभ फल देती है।
वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक का महत्व: समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक
🎉 शुभकामनाएं:
आज जिनका जन्मदिन है या जिनकी विवाह वर्षगांठ है, उन्हें हमारी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं। ईश्वर आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करें।
📌 निष्कर्ष:
आज का दिन श्रावण मास की पूर्णिमा होने के कारण विशेष शुभफलदायक माना गया है। यदि आप कोई व्रत, पूजन, शिव उपासना या धार्मिक कार्य कर रहे हैं, तो उपयुक्त मुहूर्त और तिथि का पालन अवश्य करें। पंचांग की यह जानकारी आपके दिन को सफल और शुभ बनाए रखने में सहायक होगी।
📢 नोट: यह पंचांग भारतीय समयानुसार तथा उज्जैन के अनुसार आधारित है। अलग-अलग स्थानों पर मुहूर्त में थोड़ा अंतर हो सकता है।
यदि आप प्रतिदिन का पंचांग, ज्योतिष और त्योहारों से जुड़ी जानकारियों में रुचि रखते हैं, तो हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें और इस पोस्ट को शेयर करें।
🔔 जय माता दी! शुभ दिन की मंगलकामनाएं!