दीवाली पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने के नियम केवल परंपरा नहीं बल्कि धार्मिक महत्व रखते हैं।
हर साल दीपावली के अवसर पर लोग अपने घरों में लक्ष्मी जी और गणेश जी की नई मूर्तियां स्थापित करते हैं ताकि घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मूर्ति की मुद्रा, दिशा और सामग्री का चयन पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा या घटा सकता है।
इसलिए आइए जानते हैं कि दीवाली पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
🙏 माता लक्ष्मी की मूर्ति कैसी होनी चाहिए
- हमेशा बैठी हुई मुद्रा वाली लक्ष्मी माता की मूर्ति खरीदें।
खड़ी मुद्रा वाली प्रतिमा माता के गमन (जाने) की ओर संकेत देती है, जो शुभ नहीं मानी जाती। - मूर्ति में माता के दोनों हाथों से सिक्के या कमल के फूल झरते हुए दिखने चाहिए — यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है।
- माता का चेहरा शांत, प्रसन्न और आशीर्वाद देती मुद्रा में होना चाहिए।
🐘 गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय क्या ध्यान रखें
- गणेश जी की सूंड बाईं दिशा में मुड़ी हुई होनी चाहिए। यह “वामवर्ती गणेश” कहलाते हैं और गृहस्थ जीवन के लिए शुभ माने जाते हैं।
- दाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति (दक्षिणवर्ती गणेश) का पूजन कठिन माना जाता है और घर में नहीं रखना चाहिए।
- गणेश जी की मूर्ति में उनकी सवारी मूषक (चूहा) और प्रसाद मोदक अवश्य दिखना चाहिए।
🪶 अलग-अलग मूर्तियां लें, जुड़ी हुई नहीं
कई बार बाजार में लक्ष्मी और गणेश जी की जुड़ी हुई मूर्तियां मिलती हैं।
धार्मिक दृष्टि से यह उचित नहीं माना गया है।
सर्वोत्तम तरीका है कि आप दोनों की अलग-अलग मूर्तियां खरीदें और पूजन स्थल पर साथ में विराजमान करें।
🔔 कौन-सी सामग्री की मूर्तियां सबसे शुभ होती हैं
- मिट्टी और पीतल की मूर्तियां सबसे शुभ मानी जाती हैं क्योंकि ये प्राकृतिक तत्वों से बनी होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं।
- प्लास्टिक या रेज़िन की मूर्तियों से बचें, क्योंकि ये पूजा की ऊर्जा को अवरुद्ध करती हैं।
- किसी भी मूर्ति में दरार या खरोंच नहीं होनी चाहिए, यह अशुभ मानी जाती है।
🔄 हर साल नई मूर्ति लाना क्यों जरूरी है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर साल नई मूर्तियों से दिवाली पूजन करना चाहिए।
पुरानी मूर्तियों का विधिपूर्वक विसर्जन कर दें या उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें।
यदि आप पीतल या चांदी की मूर्तियां रखते हैं, तो उन्हें गंगाजल से शुद्ध करके दोबारा स्थापित किया जा सकता है।
🌍 मिट्टी की मूर्तियों का विशेष महत्व
शास्त्रों में लिखा है कि मिट्टी से बनी मूर्तियां पूजा के लिए सर्वोत्तम होती हैं।
मिट्टी में पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का समावेश होता है, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं।
गंगा या गौशाला की मिट्टी से बनी मूर्तियां विशेष रूप से शुभ मानी जाती हैं।
🌸 निष्कर्ष
दीवाली पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने के नियम केवल धार्मिक आस्था नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लाभदायक हैं।
सही मूर्ति न केवल आपकी पूजा को सफल बनाती है, बल्कि घर में समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
इस दिवाली इन नियमों का पालन करें और माता लक्ष्मी व गणपति बप्पा की कृपा से अपने जीवन में खुशियां आमंत्रित करें।
तुलसी विवाह 2025: कब है तुलसी विवाह? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

