बिहार चुनाव से पहले आधार कार्ड पर दायर याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड बिहार चुनाव

सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड बिहार चुनाव: बड़ा फैसला, याचिका खारिज

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सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड बिहार चुनाव पर अहम टिप्पणी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड बिहार चुनाव से जुड़ी बड़ी बहस पर सोमवार को फैसला सुनाया गया। अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि जाली आधार कार्ड बनाकर नागरिकता साबित की जा सकती है। कोर्ट ने साफ कहा कि केवल आधार ही नहीं, बल्कि राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज भी नकली बनाए जा सकते हैं। इसलिए आधार को अलग नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

अदालत की मुख्य टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमलया बागची की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा:

  • ड्राइविंग लाइसेंस भी जाली हो सकता है।
  • राशन कार्ड को भी नकली बनाया जा सकता है।
  • इसलिए सिर्फ आधार कार्ड पर शक करना उचित नहीं है।

कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि आधार का इस्तेमाल कानून द्वारा बताई गई सीमा तक ही होना चाहिए।

चुनाव आयोग और दस्तावेजों की सूची

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने नागरिकता साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों की सूची जारी की थी। इस सूची में आधार कार्ड शामिल नहीं था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाद में आदेश दिया कि आधार को 12वें वैध दस्तावेज के रूप में शामिल किया जाए।

फैसले के खिलाफ दायर याचिका

सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड बिहार चुनाव के इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर हुई। याचिकाकर्ता का कहना था कि लोग फर्जी आधार कार्ड बनवाकर चुनाव प्रक्रिया का दुरुपयोग कर सकते हैं। लेकिन अदालत ने यह दलील खारिज कर दी और कहा कि अगर आधार नकली हो सकता है तो राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अन्य दस्तावेज भी नकली हो सकते हैं।

आधार की सीमाएं और वैधता

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आधार कार्ड को हर जगह नागरिकता का एकमात्र सबूत नहीं माना जा सकता। यह सिर्फ एक पहचान पत्र है और इसका इस्तेमाल वहीँ तक सीमित रहना चाहिए जहाँ तक कानून अनुमति देता है। आधार से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।

क्या है SIR प्रक्रिया?

बिहार चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना और फर्जी वोटिंग पर रोक लगाना है। सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड बिहार चुनाव विवाद में यह स्पष्ट कर चुका है कि चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत अन्य दस्तावेजों के साथ आधार को भी मान्यता दी जाएगी।

वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

निष्कर्ष

बिहार चुनाव पर आया यह फैसला बेहद अहम है। अदालत ने यह साफ कर दिया है कि आधार कार्ड को अन्य पहचान पत्रों की तरह ही देखा जाएगा और इसे अलग श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। यह फैसला बिहार समेत आने वाले अन्य राज्यों के चुनावों के लिए भी नजीर साबित हो सकता है।

👉 सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से जुड़ी आधिकारिक जानकारी Supreme Court of India की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

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