पश्चिम बंगाल की राजनीति हमेशा से केंद्र और राज्य के बीच टकराव का गवाह रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की बीजेपी सरकार के बीच मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं। लेकिन नेपाल में हालिया अशांति ने इन मतभेदों को पीछे छोड़ दिया है। अब नेपाल सीमा सुरक्षा पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र दोनों के लिए प्राथमिकता बन गई है।
नेपाल सीमा की अहमियत
पश्चिम बंगाल का नेपाल के साथ लगभग 100 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है। इसमें सिलीगुड़ी का संवेदनशील ‘चिकन्स नेक’ इलाका भी शामिल है, जो रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। नेपाल में हाल ही में हुए जन आंदोलनों और अशांति के बाद भारत ने इस पूरी सीमा पर निगरानी और कड़ी कर दी है।
ममता बनर्जी और मोदी सरकार की ‘सुरक्षा सुलह’
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि “राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर तृणमूल और बीजेपी में कोई विवाद नहीं।” वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बंगाल दौरे पर सीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दी और राजनीतिक बयानबाज़ी से परहेज़ किया। यह दर्शाता है कि नेपाल सीमा सुरक्षा पश्चिम बंगाल को लेकर दोनों पक्ष एकमत हैं।
सीमा पर बढ़ी चौकसी
- बीएसएफ और एसएसबी की तैनाती बढ़ाई गई
- सेना की निगरानी मजबूत की गई
- पानीटंकी ब्रिज पर पुलिस और सुरक्षा बल की संयुक्त गश्त
- राज्य और केंद्र सरकार के बीच खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान तेज
कोलकाता के फोर्ट विलियम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल की बैठक भी इसी रणनीति का हिस्सा रही।
चीन का बढ़ता प्रभाव?
खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि नेपाल में चीनी मुद्रा का चलन देखा जा रहा है। इससे नेपाल की आंतरिक राजनीति पर चीन के प्रभाव की आशंका बढ़ गई है। भारत इस चुनौती को लेकर सतर्क है और सीमा सुरक्षा के साथ-साथ खुफिया तंत्र को भी मजबूत किया जा रहा है।
राज्यपाल का दौरा और विवाद
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हाल ही में सीमा क्षेत्रों का दौरा किया। ममता बनर्जी ने सुरक्षा कारणों से उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी थी, लेकिन दौरा हुआ और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
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निष्कर्ष
नेपाल की राजनीतिक स्थिति ने पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार को मजबूरी में ही सही, लेकिन राष्ट्रीय हित में एकजुट कर दिया है। यह संदेश साफ है कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह, लेकिन नेपाल सीमा सुरक्षा पश्चिम बंगाल की पहली प्राथमिकता है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।