प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी दौरा ने एक बार फिर अपनी कर्मभूमि काशी (वाराणसी) में विकास और संवेदनशीलता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। शनिवार, 2 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री मोदी अपने 51वें दौरे पर वाराणसी पहुंचे और यहां उन्होंने 2183.45 करोड़ रुपये की 52 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।
यह दौरा न केवल योजनाओं की घोषणाओं तक सीमित रहा, बल्कि सामाजिक सरोकारों की गूंज भी इसमें स्पष्ट दिखाई दी। विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए किए गए कार्यों ने प्रधानमंत्री की जन-हितैषी सोच और संवेदनशीलता को दर्शाया।
काशी को मिली 2183 करोड़ की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान वाराणसी में 52 विकास योजनाओं की आधारशिला रखी या उन्हें जनता को समर्पित किया। इन परियोजनाओं का कुल मूल्य ₹2183.45 करोड़ है, जो क्षेत्र की आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों को सशक्त करेगा।
इनमें प्रमुख योजनाएं थीं:
- नई सड़क परियोजनाएं
- ग्रामीण पेयजल परियोजना
- स्वच्छता मिशन के अंतर्गत सीवरेज प्लांट्स
- स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण
- ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित लाइटिंग व्यवस्था
यह योजनाएं वाराणसी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
दिव्यांगजनों के लिए विशेष पहल
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी दौरा में दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें जरूरतमंद साथियों को सहायक उपकरण वितरित किए गए। ट्राईसाइकिल, श्रवण यंत्र, ब्रेल किट, स्मार्ट छड़ी जैसे उपकरण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा,
“हमारा लक्ष्य दिव्यांगजनों को बोझ नहीं, राष्ट्र की सामर्थ्य के रूप में देखना है। सरकार की हर योजना का केंद्र बिंदु आमजन, विशेषकर वंचित वर्ग होता है।”
किसानों को सम्मान निधि की 20वीं किस्त
वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने देशभर के किसानों के लिए भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जारी की। इस किस्त के अंतर्गत करोड़ों किसानों के खातों में सीधे वित्तीय सहायता ट्रांसफर की गई।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा,
“देश के अन्नदाता की ताकत ही आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है। हमारी सरकार किसान को केवल लाभार्थी नहीं, भागीदार मानती है।”
काशीवासियों से जुड़ाव और भोजपुरी में संबोधन
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत “हर हर महादेव” के उद्घोष के साथ की। काशीवासियों से आत्मीय संवाद करते हुए उन्होंने भोजपुरी में कहा —
“काशी के लोगन के अपनापन, ई सहर के रूह में बसल बा।”
यह वाक्य जनसभा में उपस्थित हजारों लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आया और लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
सीएम योगी का गर्मजोशी भरा स्वागत
वाराणसी एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस बार विशेष बात यह रही कि सीएम योगी ने उन्हें एक शुभ शिवलिंग भेंट किया। सावन माह में काशी की महिमा और आध्यात्मिक ऊर्जा को यह प्रतीकात्मक भेंट और भी प्रभावशाली बना गई।
प्रधानमंत्री ने भी कहा,
“काशी में सावन में आना अपने आप में सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।”
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विकास की झलक दिखाती लघु फिल्म
वाराणसी में चल रहे समग्र विकास कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रधानमंत्री को दिखाई गई। इस फिल्म में घाटों का सौंदर्यीकरण, स्मार्ट सड़कें, हेरिटेज संरक्षण, श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा क्रूज़ जैसी परियोजनाएं दर्शाई गईं। प्रधानमंत्री ने इन कार्यों की सराहना की और अधिकारियों को समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
निष्कर्ष: काशी को मिला विकास और संवेदना का उपहार
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल योजनाओं की घोषणाओं तक सीमित था, बल्कि यह संवेदना, भागीदारी और जनसेवा की भावना से ओत-प्रोत था। दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण देना हो या किसानों को सम्मान निधि — हर कदम भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने वाला रहा।
काशीवासियों के लिए यह दौरा यादगार रहा, जिसमें विकास और अध्यात्म का संतुलन स्पष्ट रूप से देखने को मिला।