30 जुलाई 2025 को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बहस का माहौल बेहद गरम रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई इस तीखी राज्यसभा बहस में आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिका-पाकिस्तान संबंध और चीन के मुद्दे भी जोरशोर से उठे। जेपी नड्डा, जयशंकर, जया बच्चन और मनोज झा जैसे दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने तीखे तर्क रखे। इस ऑपरेशन सिंदूर राज्यसभा बहस ने यह साफ कर दिया कि सुरक्षा और जवाबदेही आज की राजनीति के सबसे अहम मुद्दे बन चुके हैं।
जेपी नड्डा का तीखा हमला: ‘जो मुजरिम, वही जज बन गया’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो सरकारें पहले सत्ता में थीं, उनके कार्यकाल में एक के बाद एक आतंकी हमले हुए, लेकिन उन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। “आज वही लोग हमसे सवाल कर रहे हैं, जो खुद ज़िम्मेदार थे उन चूकों के लिए।” उन्होंने मुंबई हमले से लेकर पुलवामा तक कई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
जया बच्चन का बयान: ‘सरकार को माफी मांगनी चाहिए’
सपा सांसद जया बच्चन ने ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की सुरक्षा चूक को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से सरकार को माफी मांगनी चाहिए। “वे लोग सरकार के भरोसे जम्मू-कश्मीर गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिली।”
विपक्ष की गोलबंदी: इमरान मसूद और दीपेंद्र हुड्डा का सवाल
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वे डोनाल्ड ट्रंप के संघर्षविराम दावे पर खुलकर जवाब दें। “अगर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं तो सरकार साफ-साफ क्यों नहीं कहती?”
वहीं दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भारत का प्रधानमंत्री किसी भी विदेशी दावे का स्पष्ट खंडन करे, क्योंकि देश किसी भी पार्टी से ऊपर है।
अमित शाह की एंट्री
इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शाम 4 बजे राज्यसभा में अपना पक्ष रखेंगे, जिससे इस बहस को और गति मिलने की संभावना है।
मनोज झा का पलटवार
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि पुंछ और राजौरी में भी आतंकी हमले हुए, लेकिन सरकार ने यह कहकर टाल दिया कि “एक कांच भी नहीं टूटा।” उन्होंने पूछा कि सरकार कब तक आँकड़ों से बचती रहेगी?
विदेश नीति और अमेरिका
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को चेताया था कि पाकिस्तान हमला करने वाला है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा, और वही हुआ।
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी देश ने संघर्षविराम में मध्यस्थता नहीं की, और ट्रंप का दावा झूठा और भ्रामक है।
चीन-पाक गठजोड़: इतिहास किसका?
जयशंकर ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आज जो लोग पाकिस्तान-चीन की दोस्ती पर सवाल उठा रहे हैं, वे भूल रहे हैं कि ये संबंध 2005-06 के यूपीए शासनकाल में बने थे। हंबनटोटा बंदरगाह से लेकर ग्वादर पोर्ट तक, सब कुछ उन्हीं की नीति का परिणाम है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सख्ती
जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की कूटनीतिक और सामरिक सफलता बताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को न केवल उजागर किया, बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को भी मज़बूत किया।
निष्कर्ष: सुरक्षा, जवाबदेही और सियासत
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बहाने संसद में जो बहस छिड़ी, उसने ये साफ कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल एक सरकारी मुद्दा नहीं है, बल्कि राजनीतिक जवाबदेही का भी विषय है। आने वाले समय में जनता इस बहस के निष्कर्ष से जरूर सवाल करेगी– क्या अब भी राजनीति पहले है या देश?
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