सुनामी की विशाल लहरें समुद्र तट से टकराने से पहले, चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता दर्शाते हुए
सुनामी से पहले समुद्र तट की ओर बढ़ती विनाशकारी ऊंची लहरें, समय पर चेतावनी ही एकमात्र बचाव है। (image @images.timesnowhindi.com)

सुनामी चेतावनी प्रणाली क्या है और कैसे देती है अलर्ट

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सुनामी क्या होती है?

रूस के कमचटका प्रायद्वीप में बुधवार को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद अमेरिका, जापान, न्यूजीलैंड जैसे देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। कई स्थानों पर ऊंची-ऊंची लहरें देखी गईं, जिससे समुद्री तटों पर खतरे की स्थिति बन गई। ऐसे में यह सवाल उठता है कि सुनामी चेतावनी प्रणाली कैसे काम करती है और कितनी देर पहले लोगों को अलर्ट मिल जाता है? आइए जानते हैं कि ये सिस्टम कैसे हमारी ज़िंदगियों को बचाने में मदद करते हैं।

सुनामी चेतावनी कैसे जारी होती है?

जब समुद्र में तीव्र भूकंप आता है, तो सुनामी चेतावनी प्रणाली तुरंत सक्रिय हो जाती है। सबसे पहले विशेषज्ञ भूकंप के केंद्र और गहराई का विश्लेषण करते हैं। अगर भूकंप 7.0 तीव्रता से अधिक है और समुद्र के अंदर हुआ है, तो यह संभावित सुनामी का संकेत हो सकता है।

इसके बाद यह तय किया जाता है कि पानी के नीचे इतनी ऊर्जा पैदा हुई है या नहीं कि वह सुनामी में बदल सके।

कौन करता है अलर्ट जारी?

  • प्रशांत महासागर क्षेत्र: अमेरिका की NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration)
  • हिंद महासागर क्षेत्र: भारत, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया
  • अटलांटिक क्षेत्र: यूरोप और अमेरिका की एजेंसियां

इन एजेंसियों के पास सेंसर, समुद्री गेज और सैटेलाइट से जुड़े सिस्टम होते हैं जो समुद्र के स्तर में किसी भी असामान्य बदलाव को रिकॉर्ड करते हैं।

DART प्रणाली क्या है?

DART (Deep-ocean Assessment and Reporting of Tsunami) एक आधुनिक चेतावनी प्रणाली है जिसमें दो मुख्य उपकरण होते हैं:

  1. बीपीआर (Bottom Pressure Recorder) – यह समुद्र की गहराई में लगाया जाता है और पानी के दबाव को मापता है।
  2. फ्लोटिंग बुआ – समुद्र की सतह पर तैरती एक डिवाइस होती है, जो BPR से डेटा लेकर सैटेलाइट के जरिए चेतावनी केंद्र तक पहुंचाती है।

इस सिस्टम की मदद से सुनामी की दिशा, गति और संभावित प्रभाव का पता लगाया जाता है।

कितनी देर पहले मिलती है चेतावनी?

भूकंप के बाद सुनामी चेतावनी कुछ ही मिनटों से लेकर एक घंटे तक के भीतर जारी की जा सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि:

  • भूकंप किनारे से कितनी दूर है
  • समुद्री तल पर बदलाव की तीव्रता क्या है
  • कितनी तेजी से डेटा प्रसंस्करण होता है

कभी-कभी किनारे के बहुत पास भूकंप होने पर अलर्ट मिलने में समय बहुत कम होता है।

कैसे मिलती है आम लोगों को सूचना?

  • मोबाइल अलर्ट (SMS, ऐप्स)
  • टीवी और रेडियो पर ब्रेकिंग न्यूज
  • समुद्र तटीय क्षेत्रों में साइरन और माइक से घोषणा
  • सोशल मीडिया, सरकारी वेबसाइट और लोकल प्रशासन

निष्कर्ष

सुनामी से बचाव का सबसे कारगर उपाय है – समय पर चेतावनी और जागरूकता। भले ही तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी हो कि सुनामी आने से पहले अलर्ट दिया जा सके, फिर भी लोगों को सतर्क रहना जरूरी है। यदि आप समुद्र के किनारे रहते हैं और किसी भूकंप के बाद अलर्ट मिले, तो तुरंत ऊंचाई वाले स्थान पर चले जाएं।

Note: सुनामी के खतरे को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन सही जानकारी और समय पर चेतावनी से हजारों जानें बचाई जा सकती हैं।

भारत में हिंद महासागर क्षेत्र के लिए Tsunami अलर्ट की जिम्मेदारी INCOIS (Indian National Centre for Ocean Information Services) निभाता है।

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