183 करोड़ के फर्जी गारंटी स्कैम में CBI की छापेमारी: पांच राज्यों में एक्शन

पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर की गिरफ्तारी: CBI ने किया 183 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का खुलासा- Punjab National Bank Scam

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Punjab National Bank Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के सीनियर मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला 183.21 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा हुआ है, जिससे मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) से करोड़ों के सिंचाई प्रोजेक्ट हासिल किए गए थे।

क्या है पूरा मामला?

Punjab National Bank Scam: CBI के अनुसार, इंदौर की एक प्राइवेट कंपनी ने वर्ष 2023 में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी आठ फर्जी बैंक गारंटी के माध्यम से MPJNL से तीन महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं के ठेके हासिल किए थे। इन ठेकों की कुल कीमत लगभग 974 लाख रुपये थी।

इस कंपनी ने सिक्योरिटी के तौर पर 183.21 करोड़ रुपये की आठ फर्जी बैंक गारंटी जमा कीं। MPJNL ने जब इन गारंटी की जांच की, तब उन्हें PNB के आधिकारिक डोमेन से ईमेल प्राप्त हुए, जो गारंटी की पुष्टि करते प्रतीत हो रहे थे। इन्हीं ईमेल के आधार पर कंपनी को ठेके दे दिए गए।

हालांकि बाद में यह खुलासा हुआ कि बैंक गारंटी फर्जी थीं और ईमेल्स भी नकली थे।

CBI की छापेमारी: पांच राज्यों में एक्शन

मामला सामने आने के बाद, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश पर CBI ने जांच शुरू की। 19 और 20 जून को CBI ने नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश के 23 ठिकानों पर छापेमारी की।

इस दौरान कोलकाता से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक Punjab National Bank का सीनियर मैनेजर भी शामिल है। दोनों को पहले कोलकाता की स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया गया है।

कोलकाता के गिरोह का कनेक्शन

CBI की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इस घोटाले में कोलकाता के एक संगठित गिरोह की अहम भूमिका है। यह गिरोह विभिन्न राज्यों में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी बनाकर वितरित करता है।

CBI के अनुसार, यह कोई अकेला मामला नहीं है और जांच एजेंसी को संदेह है कि इस गिरोह के तार कई अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। मामले की जांच अभी चल रही है और और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

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निष्कर्ष

यह मामला न केवल बैंकिंग सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकारी परियोजनाओं में कैसे जालसाजी करके ठेके हासिल किए जा सकते हैं। CBI की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ा घोटाला उजागर कर दिया है, जिसकी परतें अभी खुलनी बाकी हैं।

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