ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी का संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति
एनडीए की संसदीय दल की बैठक एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए सम्मानित किया गया। इस बैठक में न सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया, बल्कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विपक्ष की नीतियों, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंक के खिलाफ भारत की रणनीति पर भी स्पष्ट रुख प्रस्तुत किया।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक कार्रवाई
6-7 मई 2025 की मध्यरात्रि को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंक के खिलाफ जो सख्त कदम उठाए, वह न सिर्फ आतंकियों के लिए एक सख्त संदेश था, बल्कि भारत की जनता के लिए भी यह भरोसे का प्रतीक था कि देश आतंक के खिलाफ अब बिल्कुल समझौता नहीं करेगा।
एनडीए बैठक में पारित प्रस्ताव में साफ कहा गया कि यह ऑपरेशन भारत की सशस्त्र सेनाओं की साहसिकता और प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। साथ ही, पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के प्रति गहरी संवेदना और सम्मान भी व्यक्त किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी का विपक्ष पर तीखा हमला
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “विपक्ष अपने ही पैरों पर पत्थर मारने में माहिर है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर गलती की है, जिससे उनकी ही किरकिरी हुई। पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि, “विपक्ष रोज़ ऐसी चर्चाएँ करवाए, ये तो मेरा ही फील्ड है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि आज के दिन ही राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था, जो भारत की सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने “हर घर तिरंगा” और “खेलो इंडिया” जैसे अभियानों को और गति देने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत की नई रणनीति: तीन महत्वपूर्ण संदेश
बैठक में आतंकवाद को लेकर भारत के रुख पर तीन प्रमुख बातें सामने रखी गईं:
1. आतंक के खिलाफ निर्णायक जवाब
यदि भारत पर कोई आतंकी हमला होता है, तो उसका जवाब हमारी शर्तों पर दिया जाएगा। भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के तहत उन सभी ठिकानों पर कार्रवाई करेगा जहां आतंक की जड़ें हैं।
2. परमाणु ब्लैकमेल का जवाब
भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत अब ऐसे किसी भी प्रयास के खिलाफ न सिर्फ सख्ती से पेश आएगा, बल्कि आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमला करेगा।
3. आतंकवादियों और उन्हें शरण देने वालों में कोई भेद नहीं
अब भारत की नीति स्पष्ट है – जो आतंक को पनाह देते हैं, वे भी उतने ही दोषी हैं जितने आतंकवादी। भारत अब किसी को भी बख्शेगा नहीं, चाहे वह मास्टरमाइंड हो या कोई सरकार जो उसे संरक्षण दे रही हो।
‘न्यू नॉर्मल’ की अवधारणा: भारत की बदली हुई सोच
बैठक में पारित प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मोदी के “न्यू नॉर्मल” दृष्टिकोण की सराहना की गई। यह दर्शाता है कि भारत अब अपने पुराने रक्षात्मक रवैये से बाहर निकल चुका है। अब हम न सिर्फ जवाब देंगे, बल्कि समय और स्थान का चयन भी हम खुद करेंगे।
“न्यू नॉर्मल” का तात्पर्य है – आतंक के खिलाफ कोई ढील नहीं, कूटनीति के बजाय कार्यवाही, और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि।
राजनीति से ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में साफ कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा किसी भी राजनीतिक बहस से ऊपर है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया, तो विपक्ष ने उसका विरोध किया। लेकिन आज दुनिया ने देख लिया है कि भारत किस तरह से आगे बढ़ रहा है।
तिरंगा यात्रा और खेलो इंडिया को प्रोत्साहन
बैठक में पीएम मोदी ने “हर घर तिरंगा” अभियान को और अधिक गति देने की बात कही। स्वतंत्रता दिवस से पहले हर नागरिक को देशभक्ति की भावना से जोड़ना इस अभियान का लक्ष्य है। इसके साथ ही “खेलो इंडिया” को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने की दिशा में भी प्रयास तेज करने की बात कही गई।
निष्कर्ष
एनडीए की यह बैठक केवल राजनीतिक चर्चा नहीं थी, यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, सांस्कृतिक चेतना और नई रणनीति का परिचायक रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया, बल्कि विपक्ष को भी कड़ा संदेश दिया कि अब भारत आतंक के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक नई चेतावनी है – भारत अब आतंक को न भूलेगा, न माफ करेगा।
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