भारत-चीन संबंध 2025 को लेकर रविवार को एक बड़ा कदम तब देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सात साल बाद द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह मुलाकात चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन से पहले आयोजित हुई।
🤝 आपसी विश्वास और सम्मान पर जोर
पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 2.8 अरब लोगों का कल्याण भारत और चीन के बीच बेहतर सहयोग से जुड़ा है।
🐉 ड्रैगन और हाथी की दोस्ती का संदेश
अपने संबोधन में शी जिनपिंग ने भारत और चीन को दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों के रूप में रेखांकित किया और कहा कि दोनों को अच्छे पड़ोसियों की तरह व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से चीन को “ड्रैगन” और भारत को “हाथी” बताते हुए आपसी सहयोग की अहमियत जताई।
🚩 सीमा पर स्थिरता और सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल की सैन्य वापसी प्रक्रिया के बाद सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की बात कही और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें शुरू होने का जिक्र भी किया।
🌐 वैश्विक साउथ और साझा हित
भारत और चीन दोनों ही ग्लोबल साउथ के प्रमुख सदस्य हैं। ऐसे में भारत-चीन संबंध 2025 न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
✨ भविष्य की ओर कदम
पीएम मोदी ने SCO की सफल अध्यक्षता के लिए शी जिनपिंग को बधाई दी और चीन आने के निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। जिनपिंग ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि “आपसे मिलकर खुशी हुई” और रिश्तों को मजबूत करने का भरोसा जताया।
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📌 निष्कर्ष
भारत-चीन संबंध 2025 दोनों देशों की कूटनीतिक प्राथमिकताओं और आपसी सहयोग का नया अध्याय लिख सकते हैं। सीमा पर शांति, व्यापारिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान–प्रदान से आने वाले वर्षों में इन रिश्तों को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।