श्रद्धा खापरा सफलता की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है और उन्हें साकार करने का हौसला रखता है। हरियाणा के एक छोटे से गाँव से निकलकर श्रद्धा ने न सिर्फ़ माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाई, बल्कि उसे छोड़कर “अपना कॉलेज” नाम से स्टार्टअप शुरू किया और लाखों छात्रों की जिंदगी बदल दी।
शुरुआती जीवन और पढ़ाई
श्रद्धा खापरा का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गाँव में हुआ। गाँव में पढ़ाई की सुविधाएँ सीमित थीं, इसलिए उच्च शिक्षा के लिए वह दिल्ली चली गईं। उन्होंने 10वीं कक्षा में 10 CGPA और 12वीं कक्षा में 94.4% अंक हासिल कर यह साबित किया कि लगन और मेहनत से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
इंजीनियरिंग और करियर की शुरुआत
स्कूल के बाद श्रद्धा ने NSIT से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और 8.8 CGPA हासिल किया। अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर उन्हें पहले माइक्रोसॉफ्ट में इंटर्नशिप और फिर DRDO में रिसर्च ट्रेनी बनने का मौका मिला। जुलाई 2021 में उन्हें माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में 43 लाख रुपये सालाना की नौकरी मिली।
नौकरी छोड़कर स्टार्टअप की ओर
हालाँकि श्रद्धा खापरा का सपना सिर्फ़ नौकरी करना नहीं था। उनका लक्ष्य था बच्चों को कोडिंग और टेक्नोलॉजी की सही शिक्षा देना। इसी सोच से उन्होंने अपनी बड़ी नौकरी छोड़ दी और “अपना कॉलेज“ नाम से स्टार्टअप शुरू किया।
आज “अपना कॉलेज” लाखों छात्रों को कोडिंग और करियर की दिशा दिखा रहा है। यहाँ बच्चे न सिर्फ़ प्रोग्रामिंग सीखते हैं बल्कि आत्मविश्वास और भविष्य की तैयारी भी करते हैं।
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सफलता की प्रेरणा
श्रद्धा खापरा सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ़ डिग्री या बड़ी नौकरी काफी नहीं, बल्कि जुनून और मेहनत भी जरूरी है। श्रद्धा ने यह साबित किया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी चुनौती हमें रोक नहीं सकती। आने वाले समय में “अपना कॉलेज” भारत का एक बड़ा एड-टेक स्टार्टअप बन सकता है।