भारत-अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद का असर इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) पर भी देखने को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल नहीं होंगे और उनकी जगह विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह 80वां सत्र भारत की विदेश नीति के लिहाज से बेहद अहम है।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्यों नहीं जाएंगे?
न्यूयॉर्क में होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के भाग लेने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि उनका दौरा कार्यक्रम में शामिल नहीं है। अगर अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर प्रगति होती और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात का अवसर बनता, तो मोदी का जाना तय हो सकता था। मगर हालात अभी इसके अनुकूल नहीं हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर का एजेंडा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर न्यूयॉर्क में कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। इनमें यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबीहा भी शामिल हैं। वे वैश्विक सुरक्षा, बहुपक्षीय सहयोग और दक्षिण एशिया की स्थिति पर भारत का पक्ष रखेंगे। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति के बावजूद भारत की आवाज़ दुनिया तक पहुंचाई जाएगी।
पीएम मोदी और ट्रंप रिश्तों पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात अभी टल सकती है। ट्रंप इस बात से असहज बताए जाते हैं कि प्रधानमंत्री कनाडा से वॉशिंगटन नहीं गए, जबकि उसी समय वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की मेजबानी कर रहे थे। यही कारण है कि मौजूदा हालात में उच्च-स्तरीय बैठक टाल दी गई है।
निष्कर्ष
टैरिफ विवाद और कूटनीतिक समीकरणों को देखते हुए इस बार पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, विदेश मंत्री जयशंकर की मौजूदगी में भारत का दृष्टिकोण मजबूती से दुनिया के सामने पेश होगा। यह सत्र भारत की विदेश नीति के लिए अहम संदेश देने वाला साबित हो सकता है।
SCO समिट 2025: मोदी-पुतिन की बातचीत और शहबाज शरीफ की चुप्पी ने खींचा ध्यान