San Marino Public Higher Secondary School में जन्माष्टमी उत्सव : भक्ति और उल्लास का संगम
San Marino School Janmashtami Celebration 23 अगस्त, शनिवार को बड़े ही उल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस खास अवसर पर San Marino Public Higher Secondary School, Gwalior के सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भजन, झांकी और मटकी फोड़ जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिससे यह उत्सव हर किसी के लिए यादगार बन गया।
उत्सव की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रांगण में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। प्रधानाचार्य महोदया ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि यह सत्य, धर्म और भक्ति का संदेश देने वाला पावन अवसर है।
छात्रों ने सामूहिक रूप से “जय श्रीकृष्ण” के उद्घोष के साथ उत्सव की शुरुआत की। इसके बाद भक्ति गीतों और श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियों ने वातावरण को और अधिक पवित्र बना दिया।
रंगारंग प्रस्तुतियाँ
“Teachers and students actively participated in the San Marino School Janmashtami Celebration, making it a joyful and spiritual event.”

जन्माष्टमी के अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। छोटे-छोटे बच्चों ने बाल कृष्ण का रूप धारण कर अपनी मनमोहक झांकियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। राधा-कृष्ण की अद्भुत झांकी और गोपियों का नृत्य सभी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना।
विद्यालय के वरिष्ठ छात्रों ने कृष्ण भक्ति गीत और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए, जिनमें कृष्ण और सुदामा की मित्रता, कंस वध तथा गोवर्धन पूजा जैसे प्रसंगों का मंचन किया गया। इन नाटकों ने दर्शकों को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन मूल्यों और धर्म की विजय का संदेश दिया।
सबसे रोचक कार्यक्रम : मटकी फोड़ प्रतियोगिता
“The San Marino School Janmashtami Celebration featured colorful cultural programs, Krishna bhajans, and lively matki phod competitions.”

उत्सव का मुख्य आकर्षण रहा मटकी फोड़ कार्यक्रम, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विद्यालय के प्रांगण में ऊँचाई पर मटकी बांधी गई, जिसे फोड़ने के लिए टीमों ने आपसी सहयोग और उत्साह का परिचय दिया। जब मटकी फूटी तो दही और माखन की बौछार ने पूरे वातावरण को कृष्ण भक्ति से सराबोर कर दिया। इस पल पर उपस्थित हर व्यक्ति ने श्रीकृष्ण के “माखनचोर” रूप को जीवंत अनुभव किया।
अध्यापकों और छात्रों की भागीदारी
केवल छात्र ही नहीं, बल्कि शिक्षकों ने भी भक्ति गीतों और भजनों में अपनी भागीदारी से उत्सव को और विशेष बना दिया। विद्यालय परिवार ने इस आयोजन को सहयोग और एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि श्रीकृष्ण की शिक्षाएँ आज भी हमें धर्म, कर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
उत्सव का महत्व
जन्माष्टमी उत्सव बच्चों को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े महान आदर्शों को समझने का अवसर देता है। यह उत्सव उन्हें बताता है कि संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, धर्म और सत्य की हमेशा विजय होती है।
विद्यालय के शिक्षकों ने इस अवसर पर बच्चों को संदेश दिया कि हमें श्रीकृष्ण की तरह अपने जीवन में धैर्य, साहस और कर्तव्यनिष्ठा को अपनाना चाहिए।
समापन
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य महोदया ने सभी प्रतिभागियों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों में न केवल धार्मिक आस्था जगाते हैं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों को भी संजोकर रखते हैं।
इस प्रकार San Marino Public Higher Secondary School, Gwalior का जन्माष्टमी उत्सव भक्ति, आनंद और सीख से भरपूर रहा। यह आयोजन आने वाले वर्षों तक विद्यार्थियों और शिक्षकों की स्मृतियों में जीवंत रहेगा।
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