केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दें । हाल ही में तमिलनाडु में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगने के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसी सिरप के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्रालय ने यह चेतावनी उन 11 बच्चों की मौतों के बाद जारी की है, जो मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से जुड़ी खबरों में सामने आई हैं।
क्यों कहा गया बच्चों को कफ सिरप न दें?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले DGHS (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज) ने एडवाइजरी में साफ किया है कि सामान्यत: 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए।
अगर बड़े बच्चों को दवा दी भी जाए तो:
- बच्चे को कड़ी निगरानी में रखा जाए।
- दवा केवल कम अवधि के लिए दी जाए।
- उचित खुराक का ही इस्तेमाल किया जाए।
- कई दवाओं के साथ कफ सिरप न दिया जाए।
इस एडवाइजरी पर हस्ताक्षर DGHS की डॉ. सुनीता शर्मा ने किए हैं।
अच्छी कंपनी की दवाएं इस्तेमाल करने की हिदायत
सभी अस्पतालों, क्लिनिकों और हेल्थ सेंटर्स को निर्देश दिया गया है कि वे केवल अच्छी कंपनी और फार्मास्युटिकल-ग्रेड दवाएं ही खरीदें।
इस निर्देश को गवर्नमेंट मेडिकल स्टोर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और जिला अस्पतालों में तुरंत लागू करने को कहा गया है।
जांच में क्या पाया गया?
- मध्य प्रदेश में 9 और राजस्थान में 2 बच्चों की मौतों को कफ सिरप से जोड़ा गया था।
- लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि NCDC, NIV, CDSCO और अन्य एजेंसियों की जांच में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकोल जैसे जहरीले रसायन नहीं मिले।
- NIV पुणे की रिपोर्ट में एक मामले में लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की पुष्टि हुई।
तमिलनाडु ने उत्पादन और बिक्री बैन किया
तमिलनाडु सरकार ने मध्य प्रदेश से रिपोर्ट मिलने के बाद कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) की जांच की।
- इसमें 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) पाया गया, जो अत्यधिक जहरीला है।
- इसके बाद पूरे राज्य में इस सिरप के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- सिर्फ 48 घंटे में थोक और रिटेल स्टॉक जब्त कर लिए गए।
माता-पिता और डॉक्टरों के लिए चेतावनी
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि छोटे बच्चों की सेहत के मामले में कोई लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
- दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दें।
- 5 साल तक की उम्र के बच्चों को दवा केवल डॉक्टर की देखरेख में दी जाए।
- घर पर खुद से दवा देना बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
✅ निष्कर्ष
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की यह एडवाइजरी माता-पिता और डॉक्टरों दोनों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के दवा देना खतरनाक हो सकता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें – “बच्चों को कफ सिरप न दें ”