vivah-panchami

विवाह पंचमी के दिन हुआ था माता सीता और भगवान राम का विवाह!

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अगहन मास शुक्ल पक्ष पंचमी श्री राम सिया जू के दिव्य शुभ विवाह पावन पुनीत अवसर पर ….. 🦚
पुनि पुनि कितने हूं सुने सुनाये हिय की प्यास बुझत न बुझाएं ….. 🙏
कैलाशपति भूतभावन औघड़दानी देवाधिदेव महादेव के आराध्य परमप्रिय 12 कलाएं 16 गुण जिनसे शोभा पाकर अलंकृत रहते हैं ऐसे महाराज दशरथ महारानी कौशल्या के परम प्रतापी जेष्ठ पुत्र राघव …..
करुणा दया सत्य सदाचार धर्म के पथगामी
मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी के पाणिग्रहण संस्कार ……
संग
मिथिला नरेश जनक जी की दुलारी पुत्री भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की आदर्श नारी प्रतिमूर्ति त्याग,प्रेम,धैर्य,करुणा और संयम की अधिष्ठात्री देवी माता सीता विवाहोत्सव …..
सोहती बनिता बृंद महूं सहज सुहावनि सीय
छवि ललना गन मध्यं जनु सुषमातिय कमनीय
सिय सुन्दरता बरनि न जाई लघु मति बहुत मनोहर ताई
आवत दीखि बरातिन्ह सीता रूप राशि सब भांति पुनीता
सबहि मनहि मन किये प्रनामा देखि राम मय पूरनकामा
हरषे‌ दशरथ सुतन्ह समेता कहीं ना जाई उर आनंदु‌ जेता
गुरु प्रनाम करि बरसहिं फूला मुनि असीस धुनि मंगल मूला
गान विसान कोलाहलु भारी
प्रेम प्रमोद मगन नर नारी
एही विधि सीय मंडपहिं आई प्रमुदित शांति पढ़हि मुनिराई
तेहि अवसर कर विधि व्यवहारू कहूं कुलगुरु सब कीन्ह अचारू
यही विधि सीय मंडपहि आई …..
बधाईयां बधाईयां बधाईयां …..

जनक सुता जय जननी जानकी अतिसिय प्रिय करुणानिधान की ताके जुग पद कमल मनावऊ जासु कृपा निरमल मति पावऊ ……
गिरा अरथ जल बीचि बहिअत भिन्न-नभिन्न
बंदऊ सीताराम पद जिन्हहि परम प्रिय खिन्न
जो वाणी और उसके अर्थ तथा जल और जल की लहर के समान कहने में अलग-अलग है परंतु वास्तव में अभिन्न एक ही है
उन श्री सीताराम जी के चरणों में मैं नमन करता हूं जिन्हे दीन दुखी बहुत प्रिय है …..
असीमित,असंख्य,अनंत शुभकामनाएं ढेरों बधाईयां प्रेषित कर…..
अपने‌ आराध्य आत्मा और जीवात्मा की‌ प्राण वायु सियाराम जू जी के श्री चरणों में भावांजलि सादर प्रेषित ….

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