India Gold Reserve 2025 ने रचा नया इतिहास: भारत ने इस साल गोल्ड रिजर्व के मामले में एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में कुल 880 टन सोना अपने खजाने में जोड़ लिया है।
सितंबर 2025 के आख़िरी सप्ताह में RBI ने 0.2 टन (200 किलो) सोना खरीदा। इसके साथ ही भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के टॉप देशों की लिस्ट में जगह बना ली है जिनके पास सबसे ज़्यादा गोल्ड रिजर्व हैं।
💰 6 महीनों में RBI ने खरीदा 600 किलो सोना
India Gold Reserve 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, 26 सितंबर 2025 तक आरबीआई के पास 95 अरब डॉलर मूल्य का सोना मौजूद है।
सितंबर माह में 0.2 टन और जून में 0.4 टन सोना खरीदा गया — यानी केवल छह महीनों में कुल 600 किलो सोना RBI ने अपने भंडार में जोड़ा।
वित्त वर्ष 2024-25 में RBI ने 54 टन सोना खरीदा था, लेकिन इस बार गोल्ड खरीद की रफ्तार और भी तेज़ दिख रही है।
🌍 क्यों बढ़ रहा है India Gold Reserve 2025?
भारत में सोने की इस तेज़ खरीदारी के पीछे कई बड़े कारण हैं —
- वैश्विक आर्थिक अस्थिरता – रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया तनाव और डॉलर की कमजोरी ने सोने को फिर से “सेफ इन्वेस्टमेंट” बना दिया है।
- रुपये को स्थिर रखना – गोल्ड रिजर्व बढ़ाने से विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है और रुपये की स्थिति सुरक्षित रहती है।
- निवेशकों का भरोसा – जब RBI जैसे सेंट्रल बैंक सोना खरीदते हैं, तो निवेशकों का भरोसा बाजार में बढ़ता है।
इसी वजह से India Gold Reserve 2025 के आंकड़ों में तेज़ी देखने को मिली है।
📈 सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल
2025 में भारत में सोने की कीमतों में 60% से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है।
कुछ समय की गिरावट को छोड़ दें तो पूरे साल सोने ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी, India Gold Reserve 2025 की बढ़ोतरी भी जारी रहेगी।
🏛️ भारत बना गोल्ड पावरहाउस
880 टन सोने के साथ भारत अब दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है जिनके पास सबसे ज़्यादा गोल्ड रिजर्व हैं।
यह सिर्फ आर्थिक मजबूती का प्रतीक नहीं, बल्कि भारत की फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस (Financial Independence) का भी संकेत है।
🔍 क्या है RBI की गोल्ड स्ट्रैटेजी?
- RBI सोना खरीदकर अपनी विदेशी संपत्तियों को विविध करता है।
- डॉलर-आधारित संपत्तियों पर निर्भरता कम करता है।
- देश की आर्थिक सुरक्षा और निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है।
India Gold Reserve 2025 से साफ है कि भारत अब दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की दिशा में मजबूत कदम उठा रहा है।
💬 निष्कर्ष: सोना अब भारत की अर्थव्यवस्था का स्तंभ
आरबीआई की बढ़ती गोल्ड खरीद से स्पष्ट है कि भारत अब न केवल सोने की संस्कृति रखता है, बल्कि सोने की शक्ति (Gold Power) भी बन चुका है।
India Gold Reserve 2025 भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक स्थिति — दोनों का प्रमाण है।
आने वाले वर्षों में, भारत की यह “स्वर्ण नीति” देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
