एक चाय बेचने वाले का बेटा बना IAS – जानिए हिमांशु गुप्ता
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IAS हिमांशु गुप्ता: चायवाले से अफसर बनने तक का सफर

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“अगर इरादे मजबूत हों तो हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, सफलता जरूर मिलती है।”
यह पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है IAS हिमांशु गुप्ता पर – जिन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों के बावजूद न सिर्फ UPSC की कठिन परीक्षा पास की, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए।

🧒 शुरुआत एक छोटे शहर से – कौन हैं IAS हिमांशु गुप्ता?

उत्तराखंड के सितारगंज जिले में जन्मे हिमांशु गुप्ता एक साधारण लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार हिमांशु को आर्थिक तंगी के कारण कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके पिता ने परिवार की स्थिति सुधारने के लिए चाय की दुकान खोली और हिमांशु स्कूल से लौटकर उस टपरी पर पिता की मदद करते थे।

जब चाय की टपरी बनी सपनों की नींव

गरीबी उनके रास्ते में बार-बार दीवार बनकर खड़ी होती रही, लेकिन हिमांशु का हौसला कभी नहीं टूटा। अंग्रेजी सीखने की चाह में वह रोज़ 70 किलोमीटर की यात्रा किया करते थे। ये संघर्ष ही आगे चलकर उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।

🎓 दिल्ली यूनिवर्सिटी और आगे की पढ़ाई

हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। वहाँ पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना और ब्लॉगिंग शुरू की। उन्होंने Environmental Science में मास्टर्स किया और गोल्ड मेडल भी हासिल किया, लेकिन उनका सपना था IAS बनना।

🎯 तीन बार दी UPSC परीक्षा – और आखिरकार बन गए IAS

सीखने की कोई उम्र नहीं होती-71 की उम्र में पास की CA परीक्षा

  1. पहला प्रयास (2018): UPSC परीक्षा पास की लेकिन चयन IRTS (Indian Railway Traffic Service) के लिए हुआ।
  2. दूसरा प्रयास (2019): इस बार IPS (Indian Police Service) के लिए चुने गए।
  3. तीसरा प्रयास (2020): हिमांशु ने हार नहीं मानी और आखिरकार AIR 139 के साथ IAS (Indian Administrative Service) अधिकारी बन गए।

🌟 क्यों हैं हिमांशु गुप्ता एक प्रेरणा?

  • एक चाय बेचने वाले के बेटे ने सबसे प्रतिष्ठित सरकारी परीक्षा पास की।
  • उन्होंने दिखाया कि अभाव कभी भी सपनों की राह में रुकावट नहीं बन सकता।
  • उनका संघर्ष, मेहनत और समर्पण उन सभी युवाओं के लिए सबक है जो कठिनाइयों से घबराकर अपने सपनों से समझौता कर लेते हैं।

✍️ निष्कर्ष

IAS हिमांशु गुप्ता की कहानी सिर्फ सफलता की नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास और मेहनत से अपनी किस्मत बदल देने की कहानी है। अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा है, तो हालात चाहे जैसे भी हों, आप मंजिल तक ज़रूर पहुँच सकते हैं।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के बारे में अधिक जानकारी के लिए: https://upsc.gov.in/examinations

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