शिक्षक दिवस समारोह का महत्व
भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा को जीवंत बनाए रखने और शिक्षकों के महत्व को याद करने का अवसर है। शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की राह भी दिखाते हैं।
विद्यालय का वातावरण और सजावट
सैन मारीनो पब्लिक स्कूल में इस बार का शिक्षक दिवस समारोह बेहद खास रहा। सुबह से ही विद्यालय रंग-बिरंगे फूलों और सजावट से जगमगा उठा। छात्र-छात्राएं पारंपरिक परिधानों में विद्यालय पहुंचे और वातावरण उत्सवमय बन गया।
छात्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम की शुरुआत छात्रों की शानदार प्रस्तुतियों से हुई।
- बच्चों ने कविताएं और भाषण प्रस्तुत किए।
- कुछ छात्रों ने गीत और नृत्य के जरिए शिक्षकों को सम्मान दिया।
- छोटे बच्चों की मासूम अदाओं ने समारोह को और भावुक बना दिया।
इन प्रस्तुतियों ने शिक्षक दिवस समारोह को और भी यादगार बना दिया।
उपहार और सम्मान
छात्रों ने अपने शिक्षकों को फूल, कार्ड और उपहार भेंट किए। कई बच्चों ने हाथ से बने ग्रीटिंग कार्ड और पेंटिंग दी, जिसमें उनके प्यार और आदर की झलक साफ दिखाई दी। शिक्षकों ने भी इस सम्मान को आत्मीयता से स्वीकार किया।
प्राचार्या का प्रेरणादायी संबोधन
विद्यालय की प्राचार्या ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक दिवस समारोह हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे गुरुजनों का सदैव सम्मान करें और उनके बताए मार्ग पर चलें।
शिक्षकों के अनुभव और मार्गदर्शन
सभी शिक्षकों ने बच्चों का अभिवादन स्वीकार किया और अपने अनुभव साझा किए।
- शिक्षकों ने मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी को जीवन का आधार बताया।
- उन्होंने समझाया कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की कुंजी है।
समारोह का समापन
समारोह के अंत में विद्यालय प्रबंधन की ओर से शिक्षकों को उपहार दिए गए। बच्चों ने शिक्षकों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया। इस प्रकार सैन मारीनो पब्लिक स्कूल का शिक्षक दिवस समारोह गुरु-शिष्य परंपरा और भारतीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण बना।
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निष्कर्ष
सैन मारीनो पब्लिक स्कूल का शिक्षक दिवस समारोह केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह छात्रों और शिक्षकों के बीच प्रेम, सम्मान और विश्वास का उत्सव था। इसने सभी को यह संदेश दिया कि शिक्षा का असली उद्देश्य संस्कार, आदर और अनुशासन है।