दैनिक पंचांग 13 जुलाई 2025 के अनुसार सूर्य देव की आराधना एवं माँ गायत्री उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है।
📿 आज के पंचांग के अनुसार सभी शुभ कार्य उचित मुहूर्त में ही करें। दैनिक पंचांग 13 जुलाई 2025 आपको शुभ फल प्रदान करे।
🔸 संवत्सर: श्री सिद्धार्थी रौद्र संवत 2082, शालिवाहन शक 1947
🔸 कलियुग संवत: 5127
🔸 ऋतु: वर्षा
🔸 माह: श्रावण
🔸 पक्ष: कृष्ण पक्ष तृतीय रात्रि 1:03 मिनट तक, उपरांत चतुर्थी
🔸 नक्षत्र: श्रवण प्रातः 6:53 मिनट तक, उपरांत धनिष्ठा – नक्षत्र स्वामी चंद्रमा, देवता गोविंद
🔸 योग: प्रीति शाम 6:00 बजे तक, उपरांत आयुष्मान
🔸 करण: वणिज दोपहर 1:03 तक, उपरांत बव
🔸 वार: रविवार – वार स्वामी सूर्य देव, सूर्य आराधना अथवा माँ गायत्री उपासना श्रेष्ठ फलदायी
☀️ दिनांक व सूर्योदय-सूर्यास्त:
- दिनांक: 13 जुलाई 2025
- दिन मान: 33 घटी 48 पल
- सूर्योदय: प्रातः 5:58 बजे
- सूर्यास्त: शाम 7:29 बजे
🌙 चंद्रमा गोचर:
- मकर राशि में शाम 6:53 बजे तक, उपरांत कुंभ राशि में
- चंद्रोदय: रात्रि 9:22 बजे
- चंद्रास्त: अगली सुबह 7:39 बजे
⏰ विशेष काल:
- भद्रा: दोपहर 1:28 से रात्रि 1:03 बजे तक
- पंचक: उदय शाम 6:53 बजे से
- राहुकाल:
- दिन: दोपहर 4:30 – 6:00 बजे तक
- रात्रि: 1:29 – 2:59 बजे तक
- गुलिक काल: दोपहर 3:00 – 4:30 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:58 – 12:54 (अति शुभ)
- एम गंडम: दोपहर 12:00 – 1:30 (वर्जित काल)
- दिशाशूल: पश्चिम दिशा – यात्रा अनिवार्य हो तो मीठा पान लेकर जाएँ
- दुष्ट मुहूर्त: शाम 5:30 – 6:26 तक
- दिन का ल: दोपहर 12:49 मिनट 44 सेकंड पर
🌟 तारा बल और चंद्र बल:
- तारा बल: प्रातः 6:24 तक
- चंद्र बल: शाम 6:54 तक – मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ राशियों के लिए शुभ
👶 आज जन्म लेने वाले शिशु:
- राशि: शाम 6:53 तक मकर, उपरांत कुंभ
- जन्म नक्षत्र: श्रवण प्रातः 6:53 तक, उपरांत धनिष्ठा
- मूल नक्षत्र: कोई गांड मूल नहीं
- नामाक्षर: खी, खू, खे, खो, गा, गी आदि
🔭 ग्रह गोचर दशा:
- सूर्य: मिथुन राशि
- चंद्रमा: मकर/कुंभ राशि
- मंगल: सिंह राशि
- बुध: कर्क राशि
- बृहस्पति: मिथुन राशि
- शुक्र: वृषभ राशि
- शनि: बक्री मीन राशि
- राहु: कुंभ राशि
- केतु: सिंह राशि
सावन सोमवार 2025: तारीख़ें, महत्व और पहला जलाभिषेक मुहूर्त
✅ आज के चौघड़िया मुहूर्त:
- लाभ, अमृत, शुभ चौघड़िया विशेष रूप से शुभ कार्यों हेतु श्रेष्ठ हैं।
📿 विशेष उपासना: सूर्य देव की आराधना एवं माँ गायत्री उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है।
🔔 नोट: उपरोक्त पंचांग सामान्य संदर्भ हेतु है। विशेष कार्यों से पूर्व योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें।
जय माता दी! जय गुरुदेव!
विस्तृत पंचांग देखें: Drik Panchang