भारत में राजनीति का माहौल एक बार फिर गरमा गया है। उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए एनडीए और INDIA ब्लॉक दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इस बार का चुनाव सिर्फ पद का नहीं, बल्कि विचारधारा का संघर्ष भी है।
विपक्ष का दांव: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रेड्डी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 19 अगस्त को घोषणा की। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है।
खरगे ने कहा कि “यह चुनाव सत्ता का नहीं, बल्कि विचारधारा का चुनाव है। विपक्ष चाहता है कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हो।” इसलिए रेड्डी को चुना गया।
रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन करेंगे। उनकी छवि निष्पक्ष और साफ है। विपक्ष का मानना है कि इससे जनता के बीच एक मजबूत संदेश जाएगा।
NDA का उम्मीदवार: सीपी राधाकृष्णन
दूसरी ओर, एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। वह तमिलनाडु से आते हैं और लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
भाजपा उन्हें एक भरोसेमंद चेहरा मानती है। दरअसल, वह दो बार सांसद रह चुके हैं और संगठन से गहरा नाता रखते हैं। यही वजह है कि एनडीए ने उन पर दांव लगाया।
चुनाव क्यों है खास?
यह चुनाव इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पिछले महीने इस्तीफा दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए थे।
अब 9 सितंबर को वोटिंग होगी। उपराष्ट्रपति का पद सिर्फ राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में जिम्मेदारी नहीं निभाता। वह राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। इसलिए यह पद बेहद अहम है।
बी. सुदर्शन रेड्डी कौन हैं?
रेड्डी आंध्र प्रदेश से आते हैं। 2008 से 2011 तक वह सुप्रीम कोर्ट के जज रहे। उन्होंने कई अहम फैसलों में योगदान दिया।
उनकी छवि ईमानदार और निष्पक्ष मानी जाती है। विपक्ष का दावा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में उनका नाम लोकतंत्र और संविधान के पक्ष का संदेश देगा।
सीपी राधाकृष्णन: NDA का मजबूत चेहरा
राधाकृष्णन भाजपा संगठन के पुराने नेता हैं। वह दो बार लोकसभा सांसद भी रहे हैं।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया। भाजपा चाहती है कि उनके नाम से दक्षिण भारत में पकड़ मजबूत हो। दूसरी ओर, यह चुनाव विपक्ष को सीधी चुनौती भी देगा।
मुकाबला किस ओर झुकेगा?
एनडीए के पास संसद में बहुमत है। इसलिए राजनीतिक गणित उनके पक्ष में है। हालांकि, विपक्ष ने भी रेड्डी के नाम से वैचारिक संदेश देने की कोशिश की है।
नतीजतन, यह चुनाव केवल बहुमत का खेल नहीं बल्कि दो विचारधाराओं का टकराव भी बन गया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की प्रमुख तारीखें
- नामांकन की आखिरी तारीख: 21 अगस्त 2025
- मतदान और परिणाम: 9 सितंबर 2025
इस बीच, संसद के भीतर और बाहर राजनीति तेज़ रहेगी।
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 भारतीय राजनीति में एक अहम मोड़ है। एक ओर एनडीए का मजबूत चेहरा सीपी राधाकृष्णन हैं। वहीं, विपक्ष ने ईमानदार छवि वाले बी. सुदर्शन रेड्डी को उतारा है।
अब 9 सितंबर को तय होगा कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा – न्यायपालिका से आने वाले रेड्डी या राजनीति में लंबे अनुभव वाले राधाकृष्णन।