सहजन के पेड़ की जड़ से लेकर फल तक सब कुछ फायदेमंद है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, सहजन के तने, पत्ते, छाल, फूल, फल और कई अन्य भागों का अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है, जो 300 से अधिक बीमारियों की दवा है। आइए जानते हैं सहजन के फायदे।
फल, फूल, पत्ते सभी फायदेमंद
स्वाद और पोषण से भरपूर सहजन न केवल एक हेल्दी फूड है, बल्कि इसके फूल, पत्ते और फल भी बहुत फायदेमंद हैं। इसका नियमित सेवन करने से व्यक्ति हमेशा फिट और जवां रह सकता है। औषधीय गुणों से भरपूर इस सब्जी का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। सहजन में एंटीफंगल, एंटी-वायरस, एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। खनिजों से भरपूर सहजन कैल्शियम का एक गैर-डेयरी स्रोत है। इसमें पोटेशियम, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, फॉस्फोरस और जिंक जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
सहजन को डाइट में कैसे शामिल करें
सहजन के फल और पत्तों का इस्तेमाल तीन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। सहजन की पत्तियों को कच्चा, चूर्ण या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है। सहजन की पत्तियों को पानी में उबालकर उसमें शहद और नींबू मिलाकर पिया जा सकता है। इसका इस्तेमाल सूप और करी में किया जा सकता है। मरीजों को डॉक्टर की सलाह से रोजाना 2 ग्राम सहजन की सही खुराक लेनी चाहिए। औषधीय गुणों से भरपूर सहजन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है। डायबिटीज के मरीज को रोजाना सहजन का सेवन करना चाहिए। इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे सहजन, मोरिंगा, सुजान, मुनगा आदि।
क्यों है सहजन अमृत
आयुर्वेद में सहजन को अमृत माना जाता है। इसे 300 से ज्यादा बीमारियों की दवा माना जाता है। इसकी पत्तियों और फलों दोनों का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है। सहजन की फली, हरी पत्तियों और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सहजन की पत्तियों में विटामिन सी होता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। यह वजन घटाने में भी मददगार है। दक्षिण भारत में सहजन का खूब इस्तेमाल किया जाता है।
सहजन खाने के फायदे
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
पथरी निकालता है
कोलेस्ट्रॉल घटाता है
ब्लड प्रेशर सामान्य रखता है
पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है
दांतों में सड़न होने से बचाता है
पेट के कीड़ों को खत्म करता है
साइटिका, गठिया में फायदेमंद
पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत
लीवर को स्वस्थ रखने में कारगर
सहजन के फूलों का जूस पिएं, इसकी सब्जी खाएं या सूप पिएं। अगर आपको ज्यादा फायदे चाहिए तो इसे दाल में डालकर पकाएं। मोरिंगा आंखों के लिए भी अच्छा होता है। अगर आंखों की रोशनी कम हो रही है तो मोरिंगा की फली, पत्ते और फूलों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
सहजन के फूलों में प्रोटीन और कई तरह के विटामिन और पोषण होते हैं।
महिलाओं में यूरिन इन्फेक्शन एक आम समस्या है। इसे दूर करने के लिए सहजन के फूलों की चाय बनाकर पिएं।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सहजन के फूलों को सुखाकर पीना चाहिए या इसका काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना की डाइट में सहजन के फूलों को सब्जी, चाय या किसी अन्य तरीके से शामिल करें।
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को रोकने में मदद करते हैं।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए भी सहजन के फूलों का सेवन करना बेहतर होता है। इन फूलों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत रखता है।
सहजन के फूल वजन कम करने में भी मदद करते हैं। इन फूलों में क्लोरोजेनिक एसिड नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को जलाता है।
सहजन के फूलों के सेवन से बालों का झड़ना बंद हो जाता है। रूखापन दूर होता है और चमक बढ़ती है।
पुरुषों में शक्ति बढ़ाने के लिए भी सहजन के फूलों का सेवन किया जा सकता है।
इसके के सेवन से कमजोरी और थकान दूर होती है।
सहजन के पत्तों के फायदे
प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा मोरिंगा के पत्तों में एस्कॉर्बिक एसिड, फोलिक और फेनोलिक पाए जाते हैं जो कई बीमारियों के इलाज में काम आते हैं।
सहजन के पत्तों में एस्कॉर्बिक एसिड, फोलिक और फेनोलिक और करीब 40 से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके पत्तों के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शुगर के लक्षणों को कम करने में मददगार होते हैं। ये इंसुलिन के स्तर को संतुलित रखते हैं जिससे शुगर के मरीज को फायदा होता है।
इसके पत्तों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।जिसके सेवन से दिल को खराब कोलेस्ट्रॉल के प्रभाव से बचाता है। मोरिंगा के पत्तों में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। पोटैशियम वैसोप्रेसिन को नियंत्रित करता है, यह हार्मोन रक्त वाहिकाओं के कामकाज को प्रभावित करता है।
सहजन के पत्तों का इस्तेमाल कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। मोरिंगा के पत्तों में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मददगार होते हैं।
मोरिंगा के पत्तों के रस में सिलीमारिन जैसे तत्व होते हैं जो लीवर एंजाइम के कार्य को बढ़ाते हैं। 100 ग्राम मोरिंगा के पत्तों के पाउडर में कम से कम 28 मिलीग्राम आयरन होता है जो अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए यह एनीमिया को ठीक करता है। इसमें आयरन, जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य तत्व होते हैं जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होते हैं। ओमेगा-3 याददाश्त को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
सहजन खाने के नुकसान
लो ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए मोरिंगा बहुत हानिकारक है। लो ब्लड प्रेशर की समस्या में सहजन नहीं खाना चाहिए, इससे हाई बीपी का खतरा बढ़ जाता है।
गर्भावस्था और पीरियड्स के दौरान मोरिंगा के सेवन से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान सहजन खाने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। सहजन के अधिक सेवन से शरीर में पित्त दोष बढ़ सकता है, इसलिए पीरियड्स के दौरान सहजन से बचना चाहिए।
सहजन खाने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इससे तनाव और अवसाद हो सकता है। सहजन में आइसोथियोसाइनेट और ग्लाइकोसाइड साइनाइड जैसे तत्व होते हैं। ये तत्व शरीर के लिए जहरीले माने जाते हैं।
जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, उन्हें सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए। इस समस्या में सहजन का अधिक सेवन करने से कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
डिलीवरी के तुरंत बाद मोरिंगा खाने से बचना चाहिए। डिलीवरी के तुरंत बाद मोरिंगा के बीज, मोरिंगा की छाल आदि का सेवन हानिकारक है। गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद भी मोरिंगा खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। अपनाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
sundar jankari
Nice