13 जनवरी 2012 की रात, कोस्टा कंकोर्डिया क्रूज़ जहाज़ इटली के गिग्लियो द्वीप के पास एक चट्टान से टकरा गया। यह हादसा इतिहास की सबसे भयावह समुद्री घटनाओं में दर्ज हुआ।
2004 में बना यह विशाल जहाज़ 3,700 से अधिक लोगों की क्षमता वाला था। यह कंकोर्डिया-श्रेणी का पहला और बेहद आलीशान क्रूज़ था।
कप्तान फ्रांसेस्को शेटिनो ने तट के पास “सलामी यात्रा” की कोशिश में रास्ता बदला, और जहाज़ चट्टान से टकरा गया।
टक्कर से जहाज़ के बाएँ हिस्से में 50 मीटर का छेद हुआ। इंजन कक्ष में पानी भर गया और जहाज़ एक ओर झुक गया।
हालांकि तट पास था और मौसम शांत, फिर भी जहाज़ छोड़ने का आदेश एक घंटे तक नहीं दिया गया।
करीब 6 घंटे चले राहत कार्य में हेलीकॉप्टर और बोट्स की मदद से हज़ारों यात्रियों को बचाया गया।
इस दुर्घटना में 32 लोगों की जान चली गई — 27 यात्री और 5 क्रू सदस्य। 2 लोग अब तक लापता माने जाते हैं।
कप्तान शेटिनो पर लापरवाही और हत्या का मामला चला। उन्हें 16 साल की सज़ा सुनाई गई।
2013-2014 में जहाज़ को खड़ा कर तैराया गया और 2017 में जेनोवा बंदरगाह ले जाकर स्क्रैप किया गया।
कोस्टा कंकोर्डिया की घटना ने समुद्री सुरक्षा, नेतृत्व और आपातकालीन प्रतिक्रिया की अहमियत फिर से दिखा दी।