पूरबमुखी घर में कहाँ रखें
मुख्य
गेट?
वास्तु शास्त्र के आसान नियम जानें!
पूरब दिशा के देवता सूर्य हैं।
यह दिशा ज्ञान, ऊर्जा और समृद्धि देती है।
पूरब दिशा को 9 equal parts (पाद) में बाँटा जाता है।
3, 4, 5 नम्बर पाद सबसे शुभ माने जाते हैं।
मुख्य द्वार ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) के करीब होना
चाहिए।
यह पॉजिटिव एनर्जी लाता है।
आग्नेय कोण (South-East) में द्वार न रखें।
इससे क्लेश और धन हानि हो सकती है।
मुख्य द्वार साफ-सुथरा रखें।
तोड़-फोड़, दरार या जंग लगे दरवाजे से नकारात्मक ऊर्जा आती है।
मुख्य द्वार पर ॐ, स्वास्तिक या वास्तु पुरुष के चिन्ह लगाएँ।
यह सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
✔️ दरवाजा कभी बीच में न हो
✔️ सामने पेड़ या खंभा न हो
✔️ द्वार खुलने में आवाज न आए
मुख्य द्वार वास्तु
मुख्य द्वार वास्तु
पूरबमुखी घर का सही द्वार सुख-समृद्धि का द्वार है!
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