जब भगवान शिव खुद फंस गए अपने वरदान में...

भस्मासुर नामक राक्षस ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। शिवजी प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा।

भयानक वरदान की मांग भस्मासुर ने मांगा – “जिसके सिर पर हाथ रखूं, वो भस्म हो जाए।” भोलेनाथ ने दे दिया वरदान!

अहंकार में चूर भस्मासुर वरदान मिलते ही भस्मासुर का दिमाग घुम गया। उसने पार्वती माता को पाने की कोशिश की।

जब भस्मासुर को पता चला कि पार्वती शिवजी की पत्नी हैं, तो उसने शिव को ही भस्म करने की ठानी!

शिवजी जान बचाने के लिए एक गुफा में छुप गए। भस्मासुर उनका पीछा करता रहा।

तब भगवान विष्णु आए। उन्होंने मोहिनी रूप – एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया।

विष्णु ने मोहिनी रूप में भस्मासुर को नृत्य में उलझाया। भस्मासुर ने उनकी हर मुद्रा की नकल की।

जैसे ही विष्णु ने हाथ सिर पर रखा, भस्मासुर ने भी ऐसा किया और वह तुरंत भस्म हो गया!

शिव की रक्षा विष्णु ने की – जब भक्त भटक जाए तो ईश्वर भी युक्ति से उसका अंत करते हैं। यह है भक्ति, वरदान और ईश्वर की लीला की अनोखी कथा।